सजातपुष्पी परागण | परनिषेचन | ||
1. | एक पुष्प के परागकण उसी पादप पर लगे किसी दूसरे पादप की वर्तिकाग्र पर पहुंचाते हैं। | 1. | एक पुष्प के परागण उसी जाति के दूसरे पादप के पुष्प की वर्तिकाग्र पर पहुंचते हैं। |
2. | आनुवांशिक विभिन्नताएँ उत्पन्न नहीं होती | 2. | आनुवांशिक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती है। |