संसाधन कई प्रकार के होते हैं जिनमें से अधिकांश संसाधन ऐसे होते हैं जिनकी मात्रा सीमित होती है तथा जिन्हें पुनः पूरित होने में वर्षों लग जाते हैं। यदि विभिन्न संसाधनों का अत्यधिक तथा अनावश्यक उपयोग किया जाएगा तो वे समाप्त हो जाएँगे तथा भावी पीढ़ी के सम्मुख अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो जाएँगी। उदाहरण के लिए, जल असीमित संसाधन प्रतीत होता है किन्तु कई जगह जल संकट उत्पन्न हो गया है। अतः संसाधनों का संरक्षण अति आवश्यक है।