रूस में राजनीतिक संगठन के सबसे निचले स्तर पर स्थानीय समितियाँ थी जिन्हें ‘सोवियत’ कहा जाता था। आरंभ में यह मजदूरों के प्रतिनिधियों की परिषद थी जिसकी स्थापना हड़तालों के संचालन के लिए की गई थी, पर शीघ्र ही यह राजनतिक सत्ता का उपकरण बन गई। मजदूरों की भाँति किसानों की परिषदों या सोवियतों का निर्माण हुआ। भी सोवियतों के प्रतिनिधि एक राष्ट्रीय कांग्रेस का संगठन करते थे।