सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005-सन् 2000 में राजस्थान सरकार ने सबसे पहले 'सूचना का अधिकार कानून' बनाया। धीरे-धीरे सूचना के अधिकार का संघर्ष राष्ट्रव्यापी रूप लेते हुए राष्ट्रव्यापी हो गया। इस संघर्ष में 'मजदूर किसान शक्ति संगठन' ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। इस संगठन की मुख्य संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने समाज के निचले तबके के लोगों को संगठित करके सूचना का अधिकार कानून के लिए संघर्ष को दिशा दी। जनता की भावना को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने 'सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005' बनाया। यह कानून सरकारी स्तर पर जन-भागीदारी एवं पारदर्शिता को बढ़ाने का शक्तिशाली कदम साबित हुआ। इस कानून के माध्यम से आम व्यक्ति, सरकार अथवा किसी भी सरकारी विभाग से सूचना प्राप्त कर सकता है।