स्वतन्त्र न्यायपालिका से आशय यह है कि सरकार के अन्य अंग, जैसे-विधायिका और कार्यपालिका, न्यायपालिका के कार्य में बाधा नहीं डाल सकते। इसे अपने कार्य की शक्तियाँ सीधे संविधान से मिलती हैं। साथ ही न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा विमुक्ति में भी सरकार की अन्य शाखाओं का कोई दखल नहीं होता है।