उच्च संगठित पादप में अच्छी प्रकार से विकसित वहन ऊतक होते है और ये वहन ऊतक दो प्रकार के है:-
जाइलम ऊतक (दारू)- जाइलम ऊतक पादप के जड़ से खनिज लवण तथा जल इसके सभी अंगों तक पहुँचाता है। जाइलम ऊतक में जड़ों, तनों और पत्तियों की वाहिनिकाएँ तथा वाहिकाएँ आपस में जुड़कर जल संवहन वाहिकाओं का एक जाल बनाती हैं, जो पादप के सभी भागों से संबद्ध होता है।
फ्लोएम ऊतक (पाषवाह)- भोजन तथा अन्य पदार्थों का संवहन (Translocation) पत्तियों से अन्य सभी अंगों तक फ्लोएम ऊतक द्वारा होता है।
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