भारत में उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम वर्ष 1986 में पारित हआ। इसमें उपभोक्ताओं को निम्न अधिकार दिए गए हैं-
सूचना पाने का अधिकार-उपभोक्ता को उत्पाद की किस्म, मात्रा तथा कीमत सम्बन्धी जानकारी पाने का अधिकार है।
चुनाव का अधिकार-उपभोक्ता को दूसरे वैकल्पिक उत्पादों में से अपनी पसंद का उत्पाद चुनने का अधिकार होता है।
क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार प्रत्येक उपभोक्ता को सुने जाने का अधिकार प्रदान किया गया है ताकि वह उत्पादकों से क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सके।
प्रतिनिधित्व का अधिकार-उपभोक्ता के पास उत्पादकों द्वारा ठगे जाने के मामले में उपभोक्ता कोर्ट में अपने पक्ष में दावा पेश करने का अधिकार दिया गया है।
सुरक्षा का अधिकार-एक उपभोक्ता को विभिन्न वस्तुओं के घातक खतरों के विरुद्ध सुरक्षा का अधिकार प्राप्त है।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार-वस्तुओं, सेवाओं एवं उनके उपयोग की विधि आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार इसमें आता है।