वैद्युत प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? किसी श्रेणी विद्युत परिपथ में, जिसमें धातु के तार से बना प्रतिरोधक संयोजित है, ऐमीटर का पाठ्यांक 5 A है। तार की लंबाई दोगुनी करने पर ऐमीटर का पाठ्यांक घटकर आधा रह जाता है। क्यों?
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वैद्युत प्रतिरोधकता- मीटर भुजा वाले घन के विपरीत फलकों में से धारा गुजरने पर जो प्रतिरोध उत्पन्न होता है, वह प्रतिरोधकता कहलाती है।
जब तार की लम्बाई दोगुनी कर दी जाती है तब इसका प्रतिरोध भी बढ़कर दोगुना हो जाता है
सूत्र R = $\rho \frac{L}{A}$
V = RI
R दोगुना हो जाता है जबकि V अपरिवर्तित रहता है। अतः विद्युतधारा $\frac{{I}}{2}$ हो जाती है।
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