विघुत-चुम्बकीय तरंगों की उन विकिरणों के नाम लिखिए जो- (i) उपग्रह संचार में प्रयुक्त होती हैं। (ii) क्रिस्टल संरचना ज्ञात करने में प्रयुक्त होती हैं। (iii) जो रेडियोऐक्टिव नाभिक के क्षय में उत्पन्न होती हैं। (iv) जिनकी तरंगदैर्ध्य 350 nm तथा 770 nm के बीच होती है। (v) सूर्य के प्रकाश से ओजोन पर्त द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं। (vi) तीव्र ऊष्मीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं।
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(i) माइक्रो तरंगें, (ii) X-किरणें, (iii) y-किरणें, (iv) दृश्य प्रकाश, (v) पराबैंगनी विकिरण, (vi) अवरक्त विकिरण।
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विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के उन विकिरणों के नाम लिखिए जो (a) वातावरण में ओजोन परत द्वारा अवषोषित किये जाते है। (b) उच्च वेग वाले इलेक्ट्रॉन की धातु लक्ष्य पर बमबारी से उत्पन्न होते है। (c) संचार उपग्रह में प्रयुक्त होते है। (d) लगभग 400 nm से 700 nm तरंगदैर्ध्य परास रखते है।
x-अक्ष के अनुदिश प्रगामी एक प्रकाश पुंज को विघुत क्षेत्र $E_y=600 Vm ^{-1} \sin \omega\left(t-\frac{x}{c}\right)$ से व्यक्त करते हैं। ५-अक्ष के अनुदिश $3.0 \times 10^7 ms^{-1}$ चाल से प्रगामी एक आवेश q = Ze पर वैद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्रों के अधिकतम बल का आकलन कीजिए जहीं $e =1.6 \times 10^{-19} C$ है।
किसी आवृत्ति से कम्पन करता हुआ कोई आवेश किस प्रकार विघुत-चुम्बकीय तरंगें उत्पन्न करता है? Z-अक्ष के अनुदिश संचरित विघुत-चुम्बकीय तरंग के लिए वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र दर्शाते हुए एक व्यवस्थित आरेख (schematic diagram) बनाइए।
संधारित्र की प्लेटों के बीच क्षेत्र में विघुत क्षेत्र परिवर्तन की दर $1.5 \times 10^{12} Vm ^{-1} s^{-1}$ है। यदि संधारित्र की वृत्तीय प्लेट की त्रिज्या 55 mm है, विस्थापन धारा कितनी होगी?