(b) अग्रगामी विकास में कम विस्तृत गुणों वाले जीव से अधिक विस्तृत व विशिष्ट संरचनाओं वाले जीव का विकास होता है। उदाहरण सरीसृपों से उभयचरों का विकास। प्रतिगामी अथवा ह्रासित विकास में जटिल जीवों से सरल जीवों का विकास होता है। ऐसा विकास अवशेषी अंगों, परजीवी अवस्थाओं, अत्यधि क विशिष्ट संरचनाओं में ह्रास जैसे उड़न रहित पक्षियों में पंख, में देखा जाता है। समानान्तर विकास में, जीवों के सम्बन्धित समूहों में, समान आवश्यकताओं के कारण स्वतन्त्र रूप से समान विशेषकों का निर्माण होता है। जैसे- दो अंगुली खुर हिरन व एक अंगुली खुर वाले घोड़े में दौड़ने की क्षमता। कीटों व पक्षियों में पंखों का विकास अभिसारी विकास का उदाहरण है।