जीवाणु, मछली, मकड़ी तथा चिम्पैंजी में से चिम्पैंजी के शारीरिक अभिकल्प की जटिलता सबसे अधिक है। चिम्पैंजी का शारीरिक डिजाइन, विकसित शारीरिक अंग संस्थान और मस्तिष्क का जीवाणु, मकड़ी और मछली से अधिक विकसित होना तथा हाथों में अंगूठे का अंगुलियों के विपरीत होना जिससे वे चीजें पकड़ सकें आदि लक्षण उनको शेष सभी से उत्तम बना देते हैं।
हालाँकि विकास की दृष्टि से चिम्पैंजी अति उत्तम नहीं माना जा सकता क्योंकि सरलतम अभिकल्प वाले जीवाणु समूह विभिन्न पर्यावरण में आज भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए जीवाणु आज भी विषम पर्यावरण जैसे कि उष्ण झरने, गहरे समुद्र के गर्म स्रोत तथा अंटार्कटिका की बर्फ में भी पाए जाते है। फिर भी चिम्पैंजी विषम वातावरण में न सही पर विभिन्न प्रकार के वातावरण में अपने आपको जीवित रख सकता है जो कि चिम्पैंजी के बेहतर शारीरिक अभिकल्प के कारण ही संभव हो पाता है। दूसरे शब्दों में यह नहीं कहा जा सकता कि चिम्पैंजी का शारीरिक अभिकल्प अन्य से उत्तम है बल्कि वह जैव विकास श्रृंखला में उत्पन्न एक और स्पीशीज है। किसी को भी शारीरिक अधिकल्प निकृष्ट नहीं कहा जा सकता।