तेजी से खत्म होते जंगल की समस्या को हल करने के लिए अंग्रेज सरकार ने सन 1864 में ‘वन विभाग’ की स्थापना की एवं सन् 1865 में ‘वन अधिनियम’ भी बनाया।
वन अधिनियम के तहत वृक्षारोपण की सुरक्षा के लिए तथा पुराने जंगलों को बचाने के लिए ढेरों नियम बनाए गए । इन सबका असर यह हुआ कि आम लोगों और आदिवासियों का जंगलों पर जो परंपरागत अधिकार था वो छिनने लगा। वे अब अपनी मर्जी से लकड़ी काटने, जानवर चराने, फल-फूल इकट्ठा करने या शिकार करने के लिए जंगलों में नहीं जा सकते थे। यहां तक कि जंगलों में उनके प्रवेश को भी वर्जित कर दिया गया था । अभी तक अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आदिवासी काफी कुछ जंगलों पर निर्भर थे लेकिन अब उस पर अंग्रेजी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।