यदि, अभिदृश्यक लेन्स की फोकस दूरी को बढ़ा दिया जाय, तो
[2014]
Download our app for free and get started
(d) शूक्ष्मदर्शी के लिए,
आवर्धन क्षमता $m =\frac{ L }{ f _0} \frac{ D }{ f _{ e }} \propto \frac{1}{ f _0}$
अतः शूक्ष्मदर्शी के लिये $f _0$ में वृद्धि के साथ आवर्धन क्षमता घटेगा।
दूरदर्शी के लिए, आवर्धन क्षमता, $m =\frac{ f _0}{ f _{ e }} \propto f _0$
अतः दूरदर्शी के लिये $f _0$ में वृद्धि के साथ आवर्धन क्षमता बढेगा।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक लेंस, प्रकाश स्रोत्र तथा दीवार के बीच रखा है। यह लेंस के दो भिन्न स्थितियों दीवार पर $A _1$ तथा $A _2$ क्षेत्रफल के दो प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रकाश स्रोत्र का क्षेत्रफल होगा
हरें रंग का प्रकाश $(\lambda=5460 A)$ का हवा-कांच के समतल पर पड़ता है। कांच का अपवर्तनांक $1.5$ है प्रकाश की कांच में तरंग दैर्ध्य होगी ( $c=3 \times 10^8$ मी/सेकंड)
एक दूरदर्शी यंत्र का आवर्धन क्षमता $9$ है। जब इसे समान्तर किरणों के लिए समायोजित किया जाता है तब इसके अभिदृश्यक तथा नेत्रिका के बीच की दूरी $20 \ cm$ होती है। इन लेंसों की फोकस दूरियाँ क्रमश होगी:
प्रकाश का एक अभिसारी किरण पुंज किसी अपसारी लेंस पर आपतित होता है। लेंस से गुजरने के पश्चात, प्रकाश की किरणें लेंस के दूसरी ओर, उससे $15 \ cm$ दूरी पर, एक दूसरे का प्रतिच्छेदन करती है $($ काटती $)$ है। यदि लेंस को हटा दिया जाये तो किरणों का प्रतिच्छेदन बिन्दु, लेंस से $5 \ cm$ और पास (समीप) हो जाता है। तो, लेंस की फोकस दूरी है:
दो माध्यमों $M_1$ और $M_2$ में प्रकाश की चाल क्रमशः $1.5 \times 10^8 m / s$ और $2.0 \times 10^8 m / s$ है। प्रकाश की एक किरण माध्यम $M_1$ से $M_2$ में $i$ आपतन कोण पर प्रवेश करती है। यदि इस किरण का पूर्ण आतंरिक परावर्तन हो जाता है तो, ' $i$ ' का मान है
एक प्रिज्म का अपवर्तनांक $\sqrt{2}$ तथा आपतन कोण $30^{\circ}$ है। एक समतल को पोलिश कर दिया गया। एक वर्णी प्रकाश तरंग अपने पथ को वापस पार करती है यदि आपतन कोण का मान होगा :