यदि एक शुक्राणु का अग्रपिंडक क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इससे निषेचन की क्रिया प्रभावित होगी। क्योंकि अग्रपिंडक क्षतिग्रस्त होने से-
1. शुक्राणु अण्डाणु में प्रवेश नहीं कर पायेगा।
2. द्वितीयक अण्डक में अर्धसूत्री का प्रेरण नहीं हो पायेगा।
अग्रपिंडक में एंजाइम्स होते हैं जो अण्डाणु की निषेचन प्रक्रिया के लिए सहायक है।