मनुष्य की मादा में अन्तरोपण के पश्चात् अपरा का निर्माण होता है। अपरा का विकास अन्तरोपित भ्रूण की पोपकोरक कोशिकाओं से निकलने वाले अंगुली समान उभारों (जरायु अंकुरकों) व गर्भाशयी उत्तक (अन्तःस्तर) के मध्य अन्तरांगुलियुक्त संधि बनने के फलस्वरूप होता है। इस प्रकार अपरा मातृ शरीर (गर्भाशय भित्ति) व परिवर्धित होते हुए भ्रूण के बीच संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होता है।