एक सरल हाइड्रोकार्बन श्रृंखला का अणुसूत्र $C _8 H _{10}$ है। श्रृंखला में एक किनारे से दूसरे किनारे के कार्बन परमाणुओं के संकरण क्रमश : $sp ^3, sp ^2, sp ^2, sp ^3, sp ^2, sp ^2 sp$ तथा $sp$ है। हाइड्रोकार्बन का संरचनात्मक सूत्र होना चाहिए।
चक्रीय हाइड्रोकार्बन $A$ के सभी कार्बन तथा हाइड्रोजन परमाणु एक ही समतल में होते है। सभी कार्बन-कार्बन आबंध समान लम्बाई के तथा $1.54 \mathring A$ से कम परन्तु $1.34 \mathring A$ से ज्यादा होते हैं। $C - C - C$ का आंबध कोण निम्नलिखित में से क्या होगा?
बेन्जीन का नाइट्रीकरण सांद्र $H _2 SO _4$ एवं $HNO _3$ की उपस्थिति में हो रहा है। यदि इस मिश्रण में ज्यादा मात्रा में $KHSO _4$ डालते हैं तो नाइट्रीकरण का वेग होगा :
सांद्र $HNO _3$ और सांद्र $H _2 SO _4$ के मिश्रण का उपयोग करते हुए बेन्जीन से नाइट्रोबेन्जीन बनाई जाती है। इस मिश्रण में नाइट्रिक एसिड किस रूप में क्रिया करती है?
एक हाइड्रोकार्बन ' $A$ ' क्लोरीनेशन के पश्चात् $B$ प्रदान करता है जो एल्कोहॉलिक पोटेशियम हाइड्राक्साइड के साथ गर्म करने पर अन्य हाइड्रोकार्बन ' $C$ ' में बदल जाता है। बाद वाला (C) बेयर अभिकारक को रंगहीन बना देता है तथा ओजोनोलिसिस करने पर फॉर्मलडिहाइड प्रदान करता है तो ' $A$ ' है:
प्लेटिनम उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोकार्बन $A$ में हाइड्रोजन से मिलकर $n$-हेक्सेन का निर्माण करता है। किन्तु जब हाइड्रोजन के बदले हाइड्रोजन ब्रोमाइड मिलाया जाता है तो केवल एक ब्रोमो यौगिक का निर्माण होता है। निम्नलिखित में से ' $A$ ' कौन सा है?
एल्कीन $R - CH = CH _2$ आसानी से $B _2 H _6$ के साथ अभिक्रिया करता है तथा $B$ उत्पाद का निर्माण करता है जो क्षारीय हाइड्रोजन परॉक्साइड से उपचयित कराने पर उत्पादित करता है।
निम्नलिखित में से कौन सबसे उपयुक्त अभिकर्मक है जो तीन अन्य यौगिकों से यौगिक (3) की पहचान कराता है?
1. $CH _3- C \equiv C - CH _3$
2. $CH _3- CH _2- CH _2- CH _3$
3. $CH _3- CH _2 C \equiv CH$
4. $CH _3- CH = CH _2$.
निम्नलिखित में से कौन सा हानिकारक प्रदूषक, वाहनों में से निकली हुई गैसों में उपस्थित होता है? (i) $N _2$ (ii) $CO$ (iii) $CH _4$ (iv) नाइट्रोजन ऑक्साइड
लीथियम की bcc संरचना है। इसका घनत्व $530 kg / m ^3$ तथा परमाणु द्रव्यमान $6.94 g mol ^{-1}$ है। लिथियम धातु एकक कोप्ठिका के कोर की लम्बार्ई है:
$\left( N _{ A }=6.02 \times 10^{23} mol ^{-1}\right)$
$A ^{+}$एवं $B ^{-}$आयनों की आयनिक त्रिज्याएँ क्रमश: $0.98 \times 10^{-10} m$ एवं $1.81 \times 10^{-10} m$ है। $AB$ में प्रत्येक आयन की उपसहसंयोजन संख्या है:
( $\Delta_0=$ अष्टफलकीय फील्ड में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन ऊर्जा, $P =$ इलेक्ट्रॉन युग्मीय ऊर्जा)एक धातु $fcc$ जालक है। एकक कोष्ठिका के किनारे की लम्बाई $404 pm$ है। धातु का घनत्च $2.72 g cm ^{-3}$ है। धातु का मोलर द्रव्यमान होगा:$\left( N _{ A }\right.$ आवोगाद्रो स्थिरांक $\left.=6.02 \times 10^{23} mol ^{-1}\right)$
एक मिश्र ऑक्साइड की संरचना घन संकुलित (c.c.p) है। मिश्र ऑक्साइड का घन यूनिट सेल ऑक्साइड आयनों का बना हुआ है। टेट्रहेड्रल रिक्त स्थानों का एक चौथाई भाग द्विसंयोजक धातु $A$ द्वारा भरा हुआ है तथा ऑक्टाहेड्रल रिक्त स्थान एकसंयोजक धातु $B$ से भरे हैं। ऑंक्साइड का सूत्र है :
$AB$ काय केन्द्रित घनीय जालक में क्रिस्टलित होता है जिसके कोर ' $a$ ' की लम्बाई $387 pm$ होती है। जालक में दो परस्पर विरुद्ध आवेश वाले आयनों के बीच की दूरी है:
लीथियम धातु काय केन्द्रित घन क्रिस्टल में क्रिस्टलित होती हैं। यदि लीथियम के यूनिट सेल के साइड की लम्बाई $351 pm$ है तो लीथियम की परमाणु त्रिज्या होगी:-
यदि ' $a$ ' घनीय तंत्रः साधारण घन, कार्य केन्द्रित फलक तथा फलक केन्द्रित घन, की कोर लम्बाई को दर्शाए तब इन तंत्रों में गोलकों की त्रिज्याओं का अनुपात क्रम इस प्रकार होगा।
यदि $NaCl$ में $SrCl _2$ की $10^{-4}$ मोल प्रतिशत अशुद्धि हो तो, इसमें धनायन रिक्तता की सान्द्रता होगी [2007] $\left( N _{ A }=6.02 \times 10^{23}\right.$ मोल $\left.^{-1}\right)$
$CsBr , BCC$ जालक में क्रिस्टलीकृत होता है। इकाई सेल की लम्बाई $436.6 pm$ है। दिए गए परमाणु $Cs$ का परमाणु द्रव्यमान $-133$ तथा $Br =80 amu$ तथा आवोग्रादो संख्या $\left( N _{ A }\right)=6.02 \times 10^{23} mol ^{-1}$ है। तो $CsBr$ का घनत्व निम्नलिखित में से क्या है?
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