बाबू कुँवर सिंह ने बिहार और उत्तर प्रदेश में विद्रोह की ज्वाला को भड़का दिया । अंग्रेजों ने उनसे जगदीशपुर की जमींदारी छीन ली थी। उन्होंने विद्रोहियों का साथ लेकर अपनी जमींदारी वापस पा ली और इस प्रकार से अन्य वैसे जमींदारों और शासकों के लिए प्रेरणा स्रोत बने जिनकी सत्ता अंग्रेजों ने छीन ली थी। फिर अन्य नवाब व जमींदार भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खुलकर विद्रोह में शामिल हो गये।