विद्रोही चाहते थे कि भारत से अंग्रेजी शासन का अंत हो जाए। अंग्रेज मुक्त भारत उनका उद्देश्य था। साथ ही वे चाहते थे कि अंग्रेजों की बदनीतियों का अंत हो जाए, मुगल सल्तनत के दौर की शांति भारत में लौट आए। उन्होंने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि जमींदारों को उनकी छीनी गई जागीर लौटा दी जाएगी। व्यापारियों को सभी वस्तुओं के व्यापार की आजादी होगी। भारतीयों को सरकारी सेवा में ऊँचा पद मिलेगा। पंडितों एवं मौलबियों के धर्मों की भी रक्षा का आश्वासन दिया गया । बनकरों एवं शिल्पकारों को भी सरकारी सहायता का भरोसा दिया गया।