अंग्रेजी सेना में काम करने वाले भारतीय सिपाही खुश नहीं थे। उन्हें अंग्रेज सिपाहियों की अपेक्षा बहुत कम वेतन मिलता था । वे चाहे कितना भी अच्छा काम करें उन्हें हवलदार या सूबेदार से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था। ये दोनों पद काफी छोटे होते थे। सेना के सारे पद अंग्रेजों के लिए सुरक्षित होते थे।
सेना के लिए बनाए गए नियमों से भी वे खफा थे। नए नियमों के अनुसार भारतीय सैनिकों को दूसरे देशों के साथ होने वाले युद्धों के लिए समुद्र पार भी जाना होगा ऐसा प्रावधान किया गया । यह कानून 1856 में बना था। हिन्दू धर्म में उस समय समुद्र पार जाना पाप माना जाता था।