एक प्राथमिक शुक्र कोशिका (2n) से अर्द्धसूत्री विभाजन होने के फलस्वरूप चार शुक्राणु (n) बनते हैं। इसी प्रकार एक प्राथमिक अण्ड कोशिका में अर्द्धसूत्री विभाजन - I होता है तो एक द्वितीयक अण्ड कोशिका तथा एक ध्रुव काय (Polar body) बनती है। द्वितीयक अण्ड कोशिका में अर्द्धसूत्री विभाजन-II होने पर फिर एक अण्डाणु व एक ध्रुवकाय बनता है। अतः एक प्राथमिक अण्डकोशिका में अर्द्धसूत्री विभाजन के परिणामस्वरूप केवल एक अण्डाणु बनता है। यदि एक प्राथमिक शुक्र कोशिका से चार शुक्राणु बनते हैं तो 25 प्राथमिक शुक्र कोशिकाओं से 25 × 4 अर्थात् 100 शुक्राणु बनेंगे। इसी प्रकार एक प्राथमिक अण्डकोशिका से एक अण्डाणु बनता है तो 25 प्राथमिक अण्डकोशिका से 25 अण्डाणु ही बनेंगे। शुक्राणु 100 व अण्डाणु 25 बनते हैं तो इनका अनुपात 100 : 25 = 4 : 1 होगा।