कृषि के क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक व्यक्ति लगे होने के कारण छिपी हुई या अदृश्य बेरोजगारी भी पाई जाती है । इसमें लोग प्रकट रूप से काम पर लगे हुए दिखाई पड़ते हैं पर उनकी उत्पादकता नगण्य या शून्य होती है । यदि उन्हें काम से हटा भी दिया जाए तो कृषि उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी।
अदृश्य बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए कृषि पर से जनसंख्या के भार को कम करना आवश्यक होगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अन्य साधनों का विस्तार करना होगा। आज विश्व के अनेक अर्द्धविकसित देशों में कृषि-आधारित छोटे एवं घरेलू उद्योगों का शीघ्रता से विकास हो रहा है। ये उद्योग श्रम प्रधान होते हैं तथा इनमें ग्रामीण जनशक्ति का विस्तारपूर्वक प्रयोग किया जा सकता है ।