नहीं, ऐसा नहीं है की जो काम आमतौर पर पुरुष करते हैं, वे काम महिलाएं नहीं कर सकती है। आज के समय में पुरुष जो काम करते हैं वे काम महिलाएँ भी करती है। पहले हमारे समाज के लोगों की मानसिकता थी कि महिलाएं घर से बाहर जाकर काम नहीं कर सकती, पर आज ऐसा नहीं है आज महिलाएँ भी घर से बाहर जाकर काम करती हैं और पैसे कमाती हैं।
आज वे हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं। पहले लोगों का ऐसा मानना था कि महिलाएँ तकनीकी कार्य नहीं कर सकती हैं चो सेना में भर्ती नहीं हो सकती हैं पर आज ऐसा नहीं हैं महिलाएं भी आज तकनीकी कार्य करती हैं, वे भी कम्प्यूटर इंजीनियर वैज्ञानिक,मैकेनिकल इंजिनियर बनती है और सेना में भी भर्ती होकर ऊँचे पदों पर कार्य करती हैं। महिला, आज राजनीति में जाकर देश की बागडोर भी संभाल रही है। इन सबके साथ ही महिलाएं अपने घर और परिवार को भी संभालती है और लोगों की यह भी सोच गलत है कि जो काम महिलाओं द्वारा किए जाते हैं वो पुरुष नहीं कर सकते । आज पुरुष घरों को संभालते हैं।
महिलाओं की तरह पुरुष भी आज खान बना लेते हैं। हमारे देश के बड़े-बड़े होटल और रेस्टॉरेंट पुरुषों के द्वारा ही चलाए जाते हैं।.एक सेफ के रूप में पुरुषों को समाज में बहुत खास जगह मिली। बहुत से लडके या पुरुष पढ़ाई या काम के दौरान अपने घर से बाहर रहते हैं और अपने केयरल करते हैं और अपने खाना भी बनातेहैं अपने सारे समान को संभालकर रखते हैं और साथ ही अपने काम पर भी . पूरा ध्यान देता है। ये बँटवारा हमारे समाज द्वारा किया गया है, भगवान ने कामों का बँटवारा नहीं किया है। हमने खुद यह तय किया है कि कौन से काम लड़के करेंगे,और कौन से काम लड़की करेंगी। इसका प्रभाव उनके जीवन पर यह पड़ता है कि अगर लड़कियों को पढ़ाई नहीं करने दिया जाए तो उनमें योग्यता होने के बावजूद भी वे कुछ नहीं कर पाएंगी और अगर लड़कों को यह कहा जाए कि वे खाना नहीं बना सकते तो वे इच्छा होते हुए भी एक सेफ का जॉव कर सकते।