आवेशों के स्थिति सदिशों के पदों में अध्यारोपण के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
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स्वप्रयत्न
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(i) दो विद्युतरोधी आवेषित गोले A तथा B जो आकार में सर्वसम हैं, के केन्द्रों के बीच की दूरी 50 सेमी. तथा दोनों पर पृथक-पृथक $6.5 \times 10^{-7}$ Cआवेष हैं। इसी प्रकार का एक अनावेषित गोला C सर्वप्रथम पहले गोले के सम्पर्क में तत्पष्चात दूसरे गोले के सम्पर्क में लाकर अन्ततः दोनों से हटा लिया जाता है। तब A तथा Bगोलों के मध्य लगने वाले प्रतिकर्षण बल का मान ज्ञात करो।
विधुत द्विध्रुव तथा द्विध्रुव आघूर्ण को परिभाषित करते हुए द्विध्रुव की निरक्ष (विषुवतीय तल) पर स्थित किसी बिन्दु पर क्षेत्र की तीव्रता के लिए आवश्यक सूत्र ज्ञात कीजिए।
(ii) 12 सेमी. त्रिज्या वाले गोलीय चालक के पृष्ठ पर $1.6 \times 10^{-7}$ Cआवेष एक समान रूप से वितरित है। गोले के अन्दर गोले के ठीक बाहर गोले के केन्द्र से 18 सेमी दूरी पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षत्रे क्या होगा।
गाउस का प्रमेय क्या है? इसकी सहायता से अनच लम्बाई के समान रूप से आवेशित रेखीय चालक के निकट किसी बिन्द पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता के लिए व्यंजक प्राप्तकीजिए। ###आवश्यक चित्र बनाकर गाउस के नियम की सहायता से अनन्त लम्बाई के आवेशित तार के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिकलन कीजिए। दूरी के साथ तीव्रता में परिवर्तन को आलेखित कीजिए।###गाउस के नियम को परिभाषित कीजिए। इसकी सहायता से अनन्त विस्तार के समरूप आवेशित रेखीय चालक से r दूरी पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता का मान ज्ञात कीजिए। आवश्यक चित्र भी बनाइए और दूरी के साथ विधुत क्षेत्र के परिवर्तन का आलेख भी बनाइए।
किसी बिन्दु पर स्थिर$-$वैद्युत की परिभाषा लिखिए। इसका $S.I.$ मात्रक भी लिखिए।
चित्र में दर्शाए अनुसार तीन बिन्दु आवेशों $q _1, q _2$ और $q_3$ क्रमशः बिन्दु $A, B$ और $C$ पर रखे हैं। इस निकाय की स्थिर$-$वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
विधुत फ्लक्स की परिभाषा लिखिए। गाउस के नियम द्वारा किसी एक समान रूप से आवेशित अनन्त विस्तार के सीधे तार - के कारण किसी बिन्दु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक प्राप्त कीजिए। आवश्यक चित्र बनाइए।
कूलॉम बल (F) का (r) के साथ विचरण का ग्राफ खींचिये। जहाँ r प्रत्येक आवेश युग्म (1µC, 2C) तथा (2µC, -3µC) के दोनों आवेशों के बीच की दूरी है। प्राप्त ग्राफ की विवेचना कीजिए।