अभिक्रिया $2NO + Br2 \rightarrow 2NOBr$ की क्रियाविधि निम्नलिखित है$-$
$(i) \ NO + Br _2 \rightleftharpoons NOBr _2\ ($तेज पद$)$
$(ii) \ NOBr _2+ NO \rightarrow 2 NOBr$ $($धीमा पद $)$तो इस अभिक्रिया का वेग समीकरण लिखिए।
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अभिक्रिया की क्रियाविधि के आधार पर धीमे पद से अभिक्रिया के वेग को ज्ञात किया जाता है अतः
वेग $= k[NOBr_2] [NO] .....(i)$
चूँकि $NOBr_2$ अभिकारक नहीं है बल्कि माध्यमिक यौगिक है तथा प्रथम पद उत्क्रमणीय है अतः
साम्य स्थिरांक $K _{ c }=\frac{\left[ NOBr _2\right]}{[ NO ]\left[ Br _2\right]} .....(ii)$
या $[NOBr_2] = K_c [NO][Br_2]$
यह मान समीकरण $(i)$ में रखने पर
वेग $= k K_c [NO][Br_2][NO]$
वेग $= k^1 [NO]^2[Br_2]$
यहाँ $k^1 = k . K_c$
अतः अभिक्रिया का वेग समीकरण निम्न प्रकार होगा$-$
वेग $= k^1 [NO]^2[Br_2]$
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(a)किसी जटिल अभिक्रिया के धीमे पद की अणुसंख्यता ही सम्पूर्ण अभिक्रिया की अणुसंख्यता होती है। समझाइए। (b) उच्च कोटि की अभिक्रियाएँ सामान्यतः नहीं होती, क्यों?
तीन अभिक्रियाएँ जिनकी कोटि $1, 2$ तथा $3$ हैं इनके लिए वेग स्थिरांकों का मान समान है तो सान्द्रता का मान $1M, 1M$ से कम तथा $1M$ से अधिक होने पर इन अभिक्रियाओं के चेवेगों का क्रम क्या होगा?