इस अभिक्रिया के 50% पूर्ण होने में 2 घण्टे लग रहे हैं अर्थात् इस अभिक्रिया की अर्धायु 2 घण्टे है। इसमें 4 घण्टे (दो अर्घायु) के बाद 75% अभिक्रिया पूर्ण हो जाती है अर्थात् 25% अभिकारक बच जाता है, जिसका तात्पर्य यह है कि इस अभिक्रिया की अर्धायु प्रारम्भिक सान्द्रता पर निर्भर नहीं करती। अतः यह एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया है।