अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति भारत में दो विशिष्ट समूह हैं। इन दोनों बड़े समूहों में ऐसी सैंकड़ों जातियाँ और आदिवासी समूह शामिल हैं जिनके नाम सरकारी अनुसूची में दर्ज हैं। इसी के चलते इनके नाम के साथ 'अनुसूचित' शब्द लगाया गया है।
अनुसूचित जाति-अनसूचित जातियों में, जिन्हें आम तौर पर दलित कहा जाता है, सामान्यतः वे हिंदू जातियाँ आती हैं जिन्हें हिंदू सामाजिक व्यवस्था में अछूत माना जाता था। इन जातियों के साथ भेदभाव किया जाता था और इन्हें तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता था।
अनुसूचित जनजाति-अनुसूचित जनजातियों में जिन्हें आमतौर पर आदिवासी कहा जाता है, वे समुदाय शामिल हैं जो अमूमन पहाड़ी और जंगली इलाकों में रहते हैं और जिनका बाकी समाज में ज्यादा मेल-जोल नहीं था।
2011 में, देश की आबदी में अनुसूचित जातियों का हिस्सा 16.6 फीसदी और अनुसूचित जनजातियों का हिस्सा 8.6 फीसदी था।