हमारे देश में संघीय प्रणाली होते हुए भी एकल नागरिकता की ही व्यवस्था है। भारत का कोई भी निवासी चाहे वह किसी भी राज्य का हो, किसी भी धर्म या संप्रदाय को मानने वाला हो, किसी भी भाषा अथवा क्षेत्र से संबंध रखता है, भारत का नागरिक है। भारत में अखंडता के साथ-साथ मौलिक एकता पर जोर दिया गया है। इसलिए एकल नागरिकता की ही व्यवस्था की गई है।