बहुसंख्यकवाद का आशय बहुसंख्यक समुदाय को देश में मनचाहे ढंग से शासन करने का अधिकार देने से है। इसमें बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों की इच्छाओं और आवश्यकताओं की अवहेलना करते हैं।
श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद की स्थिति देखने को मिलती है जहाँ सिंहलियों का वर्चस्व है।