श्रीलंका के बहुसंख्यक सिंहली समुदाय ने सरकार में प्रभुत्व कायम करने की दृष्टि से 1956 में एक कानून पारित किया जिसके अनुसार-
सिंहली भाषा को राजभाषा घोषित कर दिया
सिंहली लोगों को सरकारी नौकरियों तथा कई और क्षेत्रों में प्राथमिकता देकर कई प्रकार की सविधायें दीं।
बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया।
यही श्रीलंका का बहुसंख्यकवाद है जिसमें अन्य अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की गई है।