परिवहन के साधनों में सड़कमार्ग का विस्तार बिहार में सबसे पहले हुआ था। अशोक एवं शेरशाह दो सम्राटों ने सड़कमार्ग के विकास में यहाँ काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आजादी के बाद सड़क का विस्तार काफी हुआ है। यहाँ वर्तमान में सड़कों की कुल लम्बाई 81,680 किमी. है। वर्तमान सड़क मार्ग को प्रशासनिक एवं कार्मिक दृष्टि से पाँच वर्गों में बाँटा गया है-राष्ट्रीय उच्च पथ, राज्य उच्च पथ, मुख्य जिला सड़कें, अन्य जिला सड़कें एवं ग्रामीण सड़कें।
राज्य में सबसे अधिक विस्तार ग्रामीण सड़कों का हुआ है, इसकी कुल लंबाई 8.3261.36 किमी. हैं इनमें 27,400 किमी. पक्की एवं 35861.63 किमी. सड़कें कच्ची हैं। इनके निर्माण एवं रख-रखावे का कार्य ग्राम पंचायत या प्रखंड विकास कार्यालय द्वारा होता है।
वर्तमान में सड़कों के विकास पर अधिक बल दिया जा रहा है। इसमें सम्पूर्ण उच्च पथों की मरम्मती, नवीकरण और उन्नयन कार्य सम्मिलित है। वर्ष 2006-07 में 773 किमी. और जनवरी 2008 तक 552 किमी. राष्ट्रीय उच्चपथों का नवीकरण किया गया। राज्य एवं जिला पथों का भी तेजी से उन्नयन हो रहा है। वर्ष 2006 में 1054 किमी. सड़कों को राज्यपथ घोषित किया गया और एशियन बैंक के सहयोग से इन्हें दो लेनेवाले उच्चपथों में उन्नयन का कार्य जारी है। वर्ष 2008 में 772 किमी. सड़कों को राज्य पथ घोषित किया गया है। बिहार की कई सड़कें .
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा तक भी जाती हैं। जैसे नेपाल सीमा तक।
उत्तरी बिहार में बाढ़ जैसी प्राकृतिक बाधा के कारण सड़कों का विकास कम हुआ है।