(1) ब्रिटिश संसद ने 1858 में एक नया कानून पारित किया जिसके द्वारा ईस्ट इण्डिया के सभी अधिकार ब्रिटिश साम्राज्य के पास आ गये।
(2) ब्रिटिश मन्त्रिमण्डल के एक सदस्य को भारत मन्त्री के रूप में भारत के शासन से सम्बन्धित मामलों को संभालने का जिम्मा दिया गया।
(3) उसे सलाह देने हेतु इण्डिया काउन्सिल नामक परिषद् का गठन किया।
(4) भारत के गवर्नर जनरल को वायसराय का ओहदा देकर उसे इंग्लैण्ड के राजा रानी का निजी प्रतिनिधि घोषित कर दिया गया।