दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के चिली देश के राष्ट्रपति सल्वाडोर आयेंदे थे । चिली के चर्च, जमींदार वर्ग, अमीर लोग इनके खिलाफ थे, क्योंकि आयेंदे मजदूरों की दशा में सुधार, शिक्षा प्रणाली में सुधार तथा भूमिहीन किसानों को जमीन बाँटने जैसी लोकतांत्रिक नीतियों पर अमल कर रहे थे। 11 सितम्बर, 1973 को जनरल आगस्तो पिनोशे को आयेंदै का तख्ता पलट कर दिया और आगस्तो पिनोशे देश के राष्टपति बन बैठे। पिनोशे की सरकार ने आयेंदे के समर्थकों और लोकतंत्र की माँग करने वालों का दमन किया, कई लोगों को लापता कर दिया गया। 17 वर्षों तक उसका निरंकुश एवं क्रुर शासन चलता रहा । पिनोशे का सैनिक शासन 1988 ई. में तब समाप्त हुआ जब उन्होंने चिली में जनमत संग्रह कराने का फैसला किया । जनता ने भारी मतों से पिनोशे को ठुकरा दिया और चिली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई।
अब तक चिली में चार बार चुनाव हो चुके हैं। जनवरी 2006 ई. में राष्ट्रपति के चुनाव में चिली के पूर्व वायु सेना प्रमुख अलबर्टी वेशेल, जिनकी हत्या 1973 ई. में हुए विद्रोह के दौरान कर दी गयी थी; की पुत्री मिशेल वैशले विजयी रहीं। आज भी राष्ट्रपति के पद पर मिशेल वैशले कायम हैं। इस प्रकार चिली के लोगों ने देश में लोकतंत्र की स्थापना कर दी।