भारत में ईसा पूर्व 6ठी शताब्दी में बुद्धकाल में गंगाघाटी के कई गणराज्यों में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के प्रमाण मिले हैं । जैसेकपिलवस्तु, वैशाली में लिच्छवी, मिथिला, विदेह आदि ।
परन्त आधनिक लोकतंत्र की कहानी कम-से-कम दो सदी पहले शुरू हुई। 1779 ई. के जन विद्रोह ने फ्रांस में टिकाऊ लोकतंत्र की स्थापना नहीं की थी। 19वीं सदी तक फ्रांस में बार-बार लोकतंत्र को उखाड़ फेंका गया और पुनः स्थापित किया गया। लेकिन फ्रांसीसी क्रान्ति ने पूरे यूरोप में जगह-जगह पर लोकतंत्र के लिए संघर्षों की प्रेरणा दी।
ब्रिटेन में लोकतंत्र के तरफ कदम की शुरूआत फ्रांसीसी क्रान्ति से काफी पहले हो चुकी थी। लेकिन यहाँ प्रगति की रफ्तार काफी कम थी। 18वीं-19वीं सदी में हुए राजनैतिक घटनाक्रमों ने राजशाही और सामंत वर्ग की शक्ति में कमी कर दी । फ्रांसीसी क्रान्ति के आस-पास ही उत्तर अमेरिका में स्थित ब्रिटिश उपनिवेशों ने 1776 ई. में खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। अगले कुछ ही वर्षों में इन उपनिवेशों ने साथ मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका का गठन किया। अमेरिका में 1789 ई. में एक लोकतांत्रिक संविधान लागू किया गया जो आजतक चला आ रहा है। 19वीं सदी में लोकतंत्र के लिए होनेवाले संघर्ष अक्सर राजनैतिक समानता, आजादी और न्याय जैसे मूल्यों को लेकर ही होते थे। तब एक मुख्य माँग हुआ करती थी कि सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त हो।