धमनी | शिरा |
---|---|
धमनी की भित्ति मोटी तथा लचीली होती है जो फैलने (चौड़ा होने) तथा सिकुड़ने (पतला होने) में समर्थ होती हैं। | शिराएँ धमनियों की अपेक्षा पहली तथा अप्रत्यास्थ होती हैं। |
यह रूधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों तक ले जाती हैं। | शिराएँ विभिन्न अंगों से रूधिर एकत्र करके वापस हृदय में लाती हैं। |
ये प्रायः शरीर में पेशियों के बीच गहराई में स्थित होती हैं। | ये प्राय: शरीर में त्वचा की सतह के पास स्थित होती हैं। |
ये शिराओं की अपेक्षा अधिक माँसल होती हैं। | ये धमनियों की अपेक्षा कम माँसल होती हैं। |
इनकी मोटी तथा लचीली भित्ती हृदय से आने वाले उच्च दाब युक्त रूधिर को सहन कर सकने में समर्थ होती है। | इनकी भित्ती पतली होती है क्योंकि इनमें बहने वाले रूधिर में उच्च दाब नहीं होता है। |