भारतीय संविधान में प्रशासन के समाजवादी सिद्धान्त पर बल दिया गया है । जिस राजनीतिक प्रशासनिक सिद्धान्त के अन्तर्गत व्यक्ति की अपेक्षा सम्पूर्ण समाज को विकास का समान अवसर प्रदान किया जाता है, उसे ‘समाजवाद’ कहते हैं। इसका उद्देश्य संपूर्ण समाज में आर्थिक, राजनीतिक और आधिकारिक दृष्टि से समानता स्थापित करना होता है । वास्तव में समाजवाद का तात्पर्य ऐसे सामाजिक नीति या सिद्धान्त से है, जो उत्पादन के साधनों, पूँजी, जमीन, सम्पत्ति आदि का सम्पूर्ण समुदाय द्वारा नियंत्रण तथा स्वामित्व का समर्थन करता है तथा सभी के हित में वितरण और प्रशासन की व्यवस्था करता है।