दो ट्रेन एक दूसरे की ओर समान वेग से आ रही है। ध्वनि का वेग $340$ मी/सेकंड है। यदि एक की सीटी की आवाज दूसरी ट्रेन को $9 / 8$ गुना सुनाई देती हो तो ट्रेनों का वेग होगा $-$
[1991]
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$(a)$ यहाँ $v^{\prime}=\frac{9}{8} v$ स्रोत और श्रोता दोनों विपरीत दिशाओं में गति कर रहे हैं।
अत: $v^{\prime}=v \times \frac{( v + u )}{( v - u )}$
$ \frac{9}{8} v=v \times \frac{340+ u }{340- u }$
$\Rightarrow 9 \times 340-9 u $
$=8 \times 340+8 u$
$\Rightarrow 17 u =340 \times 1 $
$\Rightarrow u =\frac{340}{17}=20 m/s $
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क्रमशः $5.0$ मी और $5.5$ मी तरंगदैर्ध्य की दो ध्वनि तरंगें 330 मी/से के वेग से एक गैस में चल रही है। हम आशा कर सकते हैं कि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या होगी:
$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
द्रव्यमान $m _1$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊध्धाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _2$ का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य $\lambda_1$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य $\lambda_2$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_2 / \lambda_1$ का मान है :
एक आगामी तरंग $y =60 \cos (180 t -6 x )$ से प्रदर्शित होती है। जहां $y$ माइक्रॉन $t$ सेकंड व $x$ मीटर में है। अधिकतम कण वेग तथा तरंग वेग का अनुपात होगा$-$
एक प्रेक्षक ध्वनि की वेग की $1 / 5$ वेग से स्थिर स्रोत की ओर बढ़ रहा है। स्रोत द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तंरगदैर्ध्य व आवृत्ति क्रमशः $\lambda$ और $f$ है। प्रेक्षक द्वारा प्रेक्षित आभासी तरंगदैर्ध्य व आवृत्ति होगी:
अज्ञात आवृत्ति का एक स्रोत, $250 Hz$ आवृत्ति के किसी अन्य स्रोत के साथ प्रति सेकंड 4 विस्पन्द उत्पन्न करता है। अज्ञान आवृत्ति का दूसरा संनादी ( हारमोनिक0), 513 $Hz$ आवृत्ति के स्रोत के साथ 5 विस्पन्द प्रति सेकन्ड उत्पन्न करता है। तो, अज्ञात आवृत्ति है:
$100 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करता हुआ एक ध्वनि स्त्रोत $S$ तथा एक प्रेक्षक $O$, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यह ध्वनि स्त्रोत, $19.4 \ ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। उसके चलने की दिशा, स्त्रोत तथा प्रेक्षक की रिथितियों को मिलाने वाली सरलरेखा से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है $($आरेख देखिये$)$। यदि, प्रेक्षक अपनी रिथति पर ही रूका रहता है तो, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आभासी आवृत्ति होगी (हवा में ध्वनि का वेग $\left.330 \ ms ^{-1}\right)$ :