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एक विलयन में पेंटेन तथा हेक्सेन के मोलों का अनुपात $1: 4$ है। शुद्ध हाइड्रोकार्बन के $20^{\circ} C$ पर पेंटेन का वाष्प दाब 400 मिमी $Hg$ तथा हेक्सेन का वाष्प दाब 120 मिमी $Hg$ है। वाष्पीय अवस्था में पेंटेन का मोल अंश होना चाहिए
जब एक अवाष्पशील विलेय, विलायक में मिलाया जाता है तो विलायक का वाष्पदाब पारे के $10 mm$ के बराबर कम हो जाता है। विलायक में विलेय का मोल अंश $0.2$ है। यदि वाष्पदाब पारे के $20 mm$ के बराबर कम हो जाता है तो विलायक का मोल अंश क्या होगा?
$25^{\circ} C$ पर क्लोरोफार्म $\left( CHCl _3\right)$ तथा डाइक्लोरोमेथेन $\left( CH _2 Cl _2\right)$ के वाष्प दाब $200 mm Hg$ तथा $41.5 mm Hg$ हैं। $25.5 g CHCl _3$ के तथा $40 g CH _2 Cl _2$ के मिलाने पर प्राप्त विलयन का वाष्प दाब उसी ताप पर होगा, $CHCl _3$ का अणु भार $=119.5 u$ तथा $CH _2 Cl _2$ का अणु भार $=85 u$ है)