(c) जब दो या दो से अधिक लेंसो को इस प्रकार जोड़ा जाए कि भिन्न रंगों से बनने वाले प्रतिबिम्ब एक ही बिन्दु पर फोकस हो जाएं तो यह विशेषता वर्ण विक्षेपणता कहलाती है। इसके लिए उत्तल व अवत्तल दोंनों प्रकार के लेंसों के समायोजन का प्रयोग करना होगा।
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एक दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का व्यास 10 सेमी है तथा यह दो वस्तुओं से 1 किमी दूरी पर स्थित है। दूरदर्शी द्वारा विभेदित दोनों वस्तुओं के बीच की न्यूनतम दूरी, जब प्रकाश की माध्य तरंगदैर्ध्य $5000 A$ है, होगी:
प्रकाश की एक किरण, किसी प्रिज्म जिसका कोण $A$ है के एक फलक पर $i$ कोण पर आपत्तित होती है तथा उसके विपरीत फलक से उसके लम्बवत् निर्गत होती है। यदि प्रिज्म का अपवर्तनांक $\mu$ है तो, आपतन कोण $i$ का मान लगभग बराबर है :
' $f_1$ ' फोकस दूरी का एक अवतल दर्पण, ' $f_2$ ' फोकस दूरी के एक उत्तल लेंस से $d$ दूरी पर रखा गया है। अनन्त से आता हुआ एक किरण पुंज, उत्तल लेंस तथा अवतल दर्पण के इस संयोजन पर टकराता है और अपने मार्ग पर अनन्त को वापस हो जाता है तो, दूरी ' $d$ ' का मान होगा :
$10 cm$ लम्बी एक छड़ को, $10 cm$ फोकस दूरी के एक अवतल लेंस की मुख्य अक्ष के अनुदिश इस प्रकार रखा गया है कि छड़ का दर्पण के ध्रुव के पास वाला सिरा, दर्पण से $20 cm$ दूर है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई होगी :
एक प्रकाशदीप्त वस्तु उत्तल लेंस से $f =20$ सेमी दूरी पर रखी है। लेंस के दूसरी तरफ एक 10 सेमी वक्रता त्रिज्या का उत्तल दर्पण रखा है। बताओ इसकी दूरी लेंस से क्या होगी कि प्रतिबिम्ब वस्तु की जगह पर हीं बने
किसी प्रिज्म का कोण $A$ है। इस प्रिन्म के एक अपवर्तक फलक को रजतित कर परावर्तक बना दिया गया है, इसके पृष्ठ पर, $2 A$ कोण पर आपतित प्रकाश की किरणें, रजतित फलक से परावर्तन के पश्चात् अपने मार्ग पर वापस आ जाती हैं। प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\mu$ होगा