एक चक्रीय प्रक्रम में $Q , E$ और $W$ क्रमानुसार, डाली गई ऊष्मा, आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन और किया गया कार्य दर्शाते हों, तो होगा :
[2008]
Download our app for free and get started
(c) चक्रीय प्रक्रम में प्रारंभिक एवं अंतिम अवस्थाएँ एक समान होती है। अतः आंतरिक-ऊर्जा में परिवर्तन शून्य होगा क्योंकि यह सिर्फ प्रार्रिभक एवं अंतिम अवस्था पर निर्भर करती है। लेकिन $Q$ एवं $W$ दोनों किसी चक्रीय-प्रक्रम में घनात्मक होते हैं।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक आदर्श गैस ऊष्मीय इंजन $227^{\circ} C$ व $127^{\circ} C$ कार्नो चक्र में कार्य करता है। यह उच्च ताप पर $6$ किलो कैलोरी ऊष्मा का अवशोषण करता है। ऊष्मा की कितनी मात्रा $($किलो कैलोरी में$)$ कार्य में परिवर्तित होती है
कोई रेफ्रिजरेटर $4^{\circ} C$ और $30^{\circ} C$ के बीच कार्य करता है। प्रशीतन किए जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिए $600$ कैलोरी ऊप्मा का प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है। इसके लिए आवश्यक शक्ति चाहिए :
नियत दाब तथा नियत आयतन पर विश्ष्ट ऊष्मा का अनुपात $r$ है। यदि गैस का आयतन स्थिर दाब $P$ पर $V$ से $2 V$ कर दिया जाए तो गैस की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी :
एक आदर्श गैस के लिए स्थिर दाब अवस्था में मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान $(7/2) \ R$ है। इसके लिए स्थिर दाब और स्थिर आयतन अवस्थाओं में विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात होगा