एक धारा वाहक बन्द लूप(तार फन्द) PQRS को अचल चुम्बकीय फील्ड में रखा गया है। यदि लूप भागों PS, SR, और $RQ$ पर क्रमानुसार चुम्बकीय बल $F_1, F_2$ और $F_3$ क्रियाकारी हों और यह कागज़ पृष्ठ के तल में संकेतित दिशाओं में हों तो भाग $QP$ पर क्रियाकारी बल होगा :
[2008]
Download our app for free and get started
(b) चित्रानुसार, $QM$ तथा $PM$ भागों पर बल क्रमशः $\left( F _3- F _1\right)$ तथा $F _2$ है।
अतः $PQ$ भाग पर बल $=\sqrt{\left( F _3- F _1\right)^2+ F _2{ }^2}$
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक समान चुम्बकीय क्षेत्र इलैक्ट्रान की गति के लम्बवत् दिशा में लगाया जाता है। इसके कारण यह एक इलैक्ट्रान 2 सेमी वाले वृतीय पथ पर घूमता है। यदि इलैक्ट्रान का वेग दोगुना कर दिया जाए तो पथ की त्रिज्या होगी:
$0.2$ मीटर त्रिज्या की एक वृत्ताकार डिस्क को $\frac{1}{\pi}\left(\right.$ वेबर/मी $\left.{ }^2\right)$ प्रेरण के अचर चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि इसका अक्ष चुम्बकीय-क्षेत्र के साथ $60^{\circ}$ का कोण बनाता है। डिस्क से सम्बन्धित चुम्बकीय फ्लक्स होगा :
द्रव्यमान $m$, आवेश $Q$ और गतिज ऊर्जा $T$ का एक कण उत्प्रेरण $\overrightarrow{ B }$ के अनुप्रस्थ अचर चुम्बकीय फील्ड ( क्षेत्र) में प्रवेश करता है। तीन सैकण्ड के उपरान्त इस कण की गतिज ऊर्जा होगी :
एक आवेशित कण पर आवेश का मान $-2 \mu C$ है। यह $y$ दिशा में क्रियाकारी $2 T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वेग $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }) \times 10^6 ms ^{-1}$ से चल रहा हो तो इस पर क्रियाकारी चुम्बकीय बल होगा:-
एक गेल्वेनोमीटर के कॉयल का प्रतिरोध $60 \Omega$ है और $1.0$ ऐम्पीयर धारा के लिए पूर्ण स्केल का विचलन दिया है। इसे $5.0$ ऐम्पीयर तक पढ़ने वाले ऐमीटर में बदलने के लिए:-
चित्रानुसार एक लम्बे सीधे तार से एक अपरिवर्ती (स्थिर) धारा $I _1$ प्रवाहित हो रही है। इस तार से $d$ दूरी पर, क्षैतिज तल में, एक वर्गाकार लूप (पाश) रखा है, जिससे एक स्थिर (अपरिवर्ती) धारा I प्रवाहित हो रही है। तो, लूप (पाश) पर :
इलेक्ट्रॉनों का एक किरण समूह परस्पर लम्बवत् विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों में से अविक्षिप्त चला जाता है। यदि विद्युत क्षेत्र को बन्द कर दिया जाये और चुम्बकीय क्षेत्र को अपरिवर्तित रखा जाये तो इलेक्ट्रॉनों का चलन होगा-
एक धारावाही परिनालिका अपने अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र $B$ उत्पन्न करती है। यदि धारा दोगुनी तथा फेरों की संख्या प्रति सेमी आधी कर दी जाए तो नया चुम्बकीय क्षेत्र होगा$-$