(a) किसी आवेशित कण पर विद्युत-क्षेत्र के कारण बल वैद्युत-क्षेत्र की दिशा में लगता है। यहाँ कण ऋणावेशित है, अतः विद्युतीय बल वैद्युत-क्षेत्र की विपरित दिशा में लगेगा। यहाँ कण पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण भी बल लग रहा है। चुम्बकीय-क्षेत्र, वैद्युत-क्षेत्र के लम्बवत् है। अतः जब वैद्युत-क्षेत्र को बन्द कर दिया जायेगा तब इलेक्ट्रॉन-पुँज चुम्बकीय-क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में गतिशील होगा जिसके कारण इलेक्ट्रॉन-पुँज एक वृताकार पथ पर गति करेगा।