निम्न धातुओं के कार्य-फलन निम्न प्रकार दिए गए हैं:
Na: 2.75 eV; K: 2.30 eV; Mo: 4.17 eV; Ni: 5.15 eV। इनमें धातुओं में से कौन प्रकाश सेल से 1 मी. दूर रखे गए He−Cd लेसर से उत्पन्न 3300 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य के विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन नहीं देगा? लेसर को सेल के निकट 50 सेमी. दूरी पर रखने पर क्या होगा?
Exercise - 11.29
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Similar Questions

  • 1
    किसी धातु की देहली आवृत्ति 3.3$ \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ है। यदि 8.2$ \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ आवृत्ति का प्रकाश धातु पर आपतित हो, तो प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन के लिए अंतक वोल्टता ज्ञात कीजिए।
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  • 2
    ऐसा विचार किया गया है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होते हैं [(+2 / 3) e ;(-1 / 3) e] $\mid$ यह मिलिकन तेल-बूँद प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते?
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  • 3
    किसी जाँच की तरंगदैर्घ्य उसके द्वारा कुछ विस्तार से जाँच की जा सकने वाली संरचना के आकार की लगभग आमाप है। प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की क्वार्क $($quark$)$ संरचना $10^{-15}$ मीटर या इससे भी कम लम्बाई के लघु पैमाने की है। इस संरचना को सर्वप्रथम $1970$ दशक के प्रारंभ में, एक रेखीय त्वरित्र $($Linear accelerator$)$ से उत्पन्न उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों के किरण$-$पुंजों के उपयोग द्वारा, स्टैनफोर्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका में जाँचा गया था। इन इलेक्ट्रॉन किरण$-$पुंजों की ऊर्जा की कोटि का अनुमान लगाइए। $($इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा $0.511\ MeV$ है।$)$
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  • 4
    488 nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है, जिसे प्रकाश-विद्युत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव 0.38 V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
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  • 5
    प्रत्येक धातु का एक निश्चित कार्य-फलन होता है। यदि आपतित विकिरण एकवर्णी हो तो सभी प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन समान ऊर्जा के साथ बाहर क्यों नहीं आते हैं? प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का एक ऊर्जा वितरण क्यों होता है?
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  • 6
    एक इलेक्ट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका
    1. संवेग,
    2. चाल और
    3. डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य क्या है?
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  • 7
    आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ-साफ संसूचन योग्य हो।
    1. एक मध्य तरंग $($medium wave$)10\  kW$ सामर्थ्य के प्रेषी, जो $500\ m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या।
    2. निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10} \mathrm{~W}\right.\mathrm{m}^{-2})$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4$ सेमी.$^2$और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ मानिए।
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  • 8
    1. एक निर्वात नली के तापित केंथाड से उत्साजत इलक्ट्रानी का उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में 500 V के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात् $e / m 1.76 \times 10^{11} \mathrm{C} \mathrm{kg}^{-1}$ है।
    2. संग्राहक विभव 10 MV के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो (i) में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
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  • 9
    पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने वाला सूर्य$-$प्रकाश का ऊर्जा$-$अभिवाह $($फ्लक्स$) 1.388 \times 10^{3}$ वॉट/ मी$^2$ है। लगभग कितने फोटॉन प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड पृथ्वी पर आपतित होते हैं$?$ यह मान लें सूर्य$-$प्रकाश में फोटॉन का औसत तरंगदैर्घ्य $550\  nm$ है।
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  • 10
    किसी धातु के लिए कार्य-फलन 4.2 eV है। क्या यह धातु 330 nm तरंगदैर्घ्य के आपतित विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन देगा?
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