एक कागज जिस पर दो निशान $d$ दूरी पर बने हैं एक व्यक्ति की दृष्टि की आँख के लेन्स का व्यास $2$ मिमी है। $d$ के किस न्यूनतम मान के लिए ये दोनों निशान अलग अलग दिखायी देगें? दृश्य प्रकाश की माध्य तरंग दैर्ध्य $5000 A$ है।
[2002]
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आँख के लिए कोणीय रिजाल्यूशन $=\theta=\lambda / d$
$d =$ व्यास $($आँख के लेंस का$)$
माना $y$ दो बिन्दुओं के बीच न्यूनतम दूरी है तो $\lambda=5000 A, D =50$ मी., $d =2$ मिमी
$ \theta=\lambda / D \Rightarrow \frac{ y }{ D }=\frac{\lambda}{ d } \Rightarrow y =\frac{\lambda D }{ d }$
$y =\frac{5 \times 10^{-7} \times 50}{2 \times 10^{-3}}=12.5 \times 10^{-3}$ मीटर
$y =12.5 \ cm $
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$5000 A$ वाले समान्तर एकवर्णी प्रकाश $0.001$ मीटर मोटाई की स्लिट पर लम्बवत डाला जाता है । प्रकाश को एक उत्तल लेंस के द्वारा एक स्क्रीन पर एकत्र किया जाता है। पहली निम्नतम के लिए विवर्तन कोण का मान होगाः
यंग के प्रयोग में दो कोहैरेन्ट स्रोत्र $0.90$ मिमी की दूरी पर रखे हैं । यदि ये दूसरी डार्क फ्रिंज 1 मीटर पर बनाते हों तो एकवर्णी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य होगी :
यंग वु एक द्विझिरी प्रयोग में झिरियों $($स्लिटों$)$ के बीच की दूरी $2\ mm$ है। इनको $\lambda_1=12000 A$ तथा $\lambda_1=$ $10000 A$ तरंगदैर्ध्य के फोटॉनों से प्रदीप्त $($प्रकाशित$)$ किया गया है। यदि झिरियों से पर्दे की दूरी $2 m$ हो तो, केन्द्रीय दीप्त फ्रिंज के कितनी न्यूनतम दूरी पर, व्यतिकरण के उत्पन्न दोनों तरंगों की दीप्त फ्रिंजें संपाती $($एक दूसरे के ऊपर$)$ होगी?
यंग के द्वि$-$झिरी प्रयोग में, पर्द् के किसी बिन्दु पर $\lambda$ पथान्तर होने से, वहां प्रकाश की तीव्रता $K$ है, $( \lambda$ प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है$)$। पर्द के उस बिन्दु पर जहां पथान्तर $\lambda / 4$ है, तीव्रता होगी
एकला डिरी विवर्तन पैटर्न में, केन्द्रीय उच्चिप्ट के निकटवर्ती प्रथम निम्निप्ट पर, डििरी के किनारे तथा उसके मघ्य$-$बिन्दु से उत्पन्न हाइगेन्स-तरंगिकाओं के बीच कलान्तर होता है: