(d) प्रकाशतंतु से प्रकाश पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण बाहर आता है।
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यंग के द्वि$-$झिरी प्रयोग में, पर्द् के किसी बिन्दु पर $\lambda$ पथान्तर होने से, वहां प्रकाश की तीव्रता $K$ है, $( \lambda$ प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है$)$। पर्द के उस बिन्दु पर जहां पथान्तर $\lambda / 4$ है, तीव्रता होगी
दूर स्थित किसी स्रोत से आता हुआ, $\lambda=600$ नैनोमीटर का प्रकाश पुंज, $1$ मिमी चौड़ी झिरी पर आपतित होता है। इससे उत्पन्न विवर्तन पैटर्न को झिरी से $2$ मी दूर स्थित पर्दे पर देखा जाता है तो, केन्द्रीय दीप्त फ्रिन्ज के दोनों ओर की प्रथम अदीप्त फ्रिन्जों के बीच की दूरी होगी
यंग के प्रयोग में दो कोहैरेन्ट स्रोत्र $0.90$ मिमी की दूरी पर रखे हैं । यदि ये दूसरी डार्क फ्रिंज 1 मीटर पर बनाते हों तो एकवर्णी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य होगी :
एकला डिरी विवर्तन पैटर्न में, केन्द्रीय उच्चिप्ट के निकटवर्ती प्रथम निम्निप्ट पर, डििरी के किनारे तथा उसके मघ्य$-$बिन्दु से उत्पन्न हाइगेन्स-तरंगिकाओं के बीच कलान्तर होता है:
एक कागज जिस पर दो निशान $d$ दूरी पर बने हैं एक व्यक्ति की दृष्टि की आँख के लेन्स का व्यास $2$ मिमी है। $d$ के किस न्यूनतम मान के लिए ये दोनों निशान अलग अलग दिखायी देगें? दृश्य प्रकाश की माध्य तरंग दैर्ध्य $5000 A$ है।