यंग वु एक द्विझिरी प्रयोग में झिरियों $($स्लिटों$)$ के बीच की दूरी $2\ mm$ है। इनको $\lambda_1=12000 A$ तथा $\lambda_1=$ $10000 A$ तरंगदैर्ध्य के फोटॉनों से प्रदीप्त $($प्रकाशित$)$ किया गया है। यदि झिरियों से पर्दे की दूरी $2 m$ हो तो, केन्द्रीय दीप्त फ्रिंज के कितनी न्यूनतम दूरी पर, व्यतिकरण के उत्पन्न दोनों तरंगों की दीप्त फ्रिंजें संपाती $($एक दूसरे के ऊपर$)$ होगी?
[2013]
Download our app for free and get started
$\because y =\frac{ n \lambda D }{ d }$
$\therefore n _1 \lambda_1= n _2 \lambda_2$
$\Rightarrow n _1 \times 12000 \times 10^{-10}= n _2 \times 10000 \times 10^{-10}$
$or$
$n \left(12000 \times 10^{-10}\right)=( n +1)\left(10000 \times 10^{-10}\right)$
$\Rightarrow n =5$
$\left(\because \lambda_1=12000 \times 10^{-10} m ; \lambda_2=10000 \times 10^{-10} m \right)$
अत: $y _{\text {common }}=\frac{ n \lambda_1 D }{ d }$
$=\frac{5\left(12000 \times 10^{-10}\right) \times 2}{2 \times 10^{-3}}$
$\qquad(\because d =2 mm \ or \ D =2 m )$
$=5 \times 12 \times 10^{-4} m =60 \times 10^{-4} m$
$=6 \times 10^{-3} m =6 mm $
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
दूर स्थित किसी स्रोत से आता हुआ, $\lambda=600$ नैनोमीटर का प्रकाश पुंज, $1$ मिमी चौड़ी झिरी पर आपतित होता है। इससे उत्पन्न विवर्तन पैटर्न को झिरी से $2$ मी दूर स्थित पर्दे पर देखा जाता है तो, केन्द्रीय दीप्त फ्रिन्ज के दोनों ओर की प्रथम अदीप्त फ्रिन्जों के बीच की दूरी होगी
एक कागज जिस पर दो निशान $d$ दूरी पर बने हैं एक व्यक्ति की दृष्टि की आँख के लेन्स का व्यास $2$ मिमी है। $d$ के किस न्यूनतम मान के लिए ये दोनों निशान अलग अलग दिखायी देगें? दृश्य प्रकाश की माध्य तरंग दैर्ध्य $5000 A$ है।
यंग के प्रयोग में दो कोहैरेन्ट स्रोत्र $0.90$ मिमी की दूरी पर रखे हैं । यदि ये दूसरी डार्क फ्रिंज 1 मीटर पर बनाते हों तो एकवर्णी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य होगी :
एकला डिरी विवर्तन पैटर्न में, केन्द्रीय उच्चिप्ट के निकटवर्ती प्रथम निम्निप्ट पर, डििरी के किनारे तथा उसके मघ्य$-$बिन्दु से उत्पन्न हाइगेन्स-तरंगिकाओं के बीच कलान्तर होता है:
यंग के द्वि$-$झिरी प्रयोग में, पर्द् के किसी बिन्दु पर $\lambda$ पथान्तर होने से, वहां प्रकाश की तीव्रता $K$ है, $( \lambda$ प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है$)$। पर्द के उस बिन्दु पर जहां पथान्तर $\lambda / 4$ है, तीव्रता होगी