एक नामांकित आरेख की सहायता से वर्णन कीजिये कि प्रत्यावर्ती धारा (ac) जनित्र कैसे कार्य करता है? किसी प्रत्यावर्ती द्वारा जनित्र की कुण्डली में N फेरे हैं। प्रत्येक का क्षेत्रफल A है। कुण्डली एकसमान कोणीय वेग $\omega$ से घूर्णन कर रही है। इस कुण्डली में उत्पन्न प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल के लिये व्यंजक व्युत्पन्न कीजिये। इस युक्ति में ऊर्जा उत्पादन का स्रोत क्या है?
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स्वप्रयत्न
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प्रेरण गुणांक को परिभाषित कीजिये। अन्योन्य प्रेरण की घटना को प्रयोग द्वारा समझाइये। दो परिनालिकाओं के अन्योन्य प्रेरण गुणांक की व्यंजक ज्ञात कीजिये और सिद्ध कीजिये $M=\sqrt{L_1 L_2}$.
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र में N फेरों तथा A अनुप्रस्थ काट वाली आयताकार कुण्डली को एक समान चुम्बकीय क्षेत्र (B) में एक समान कोणीय चाल $\omega$ से घूर्णन कराया जाता है,तो इसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल का तात्कालिक मान प्राप्त कीजिए।आवष्यक नामांकित चित्र बनाइए।
विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के लेंज नियम का कथन लिखिए। पूर्व से पश्चिम दिशा में स्थित कोई 2 मी. लम्बा सीधा क्षैतिज चालक तार $0.3 \times 10^{-4}$टेसला के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के लम्बवत 5 मी/से की चाल से गिर रहा है। तार के सिरों के मध्य प्रेरित विद्युत वाहक बल के तात्क्षणिक मान की गणना कीजिए।