अन्योन्य प्रेरकत्व की परिभाषा और इसका SI मात्रक लिखिए।
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(i) अन्योन्य प्रेरकत्व (Mutual Inductance)-दिखाये गये चित्र में P तथा S दो कुण्डलियाँ हैं। P-कुण्डली प्राथमिक कुण्डली और S-कुण्डली द्वितीय कुण्डली कहलाती है। प्राथमिक परिपथ में एक कुण्डली विद्युत वाहक बल का स्रोत धारा नियन्त्रक तथा कुंजी जुड़े हैं, जबकि द्वितीयक परिपथ में एक कुण्डली तथा धारामापी जुड़ा है।
$\quad \quad$जब प्राथमिक परिपथ में कुंजी के डाट को लगाया जाता है तो प्राथमिक परिपथ में धारा शून्य से अधिकतम होने लगती है। इससे चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन शून्य से अधिकतम की ओर परिवर्तित होता है। पास रखी द्वितीयक कुण्डली से गुजरने वाले चुम्बकीय पलक्स के मान में भी परिवर्तन होता है जिसके फलस्वरूप द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि.वा. बल उत्पन्न होता है और धारामापी में विक्षेप प्राप्त होता है। $\quad \quad$अब जब हम कुंजी के डाट को निकालते हैं तो प्राथमिक परिपथ में से प्रवाहित धारा का मान अधिकतम से शून्य होने लगता है। इससे प्राथमिक व द्वितीयक कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय पलक्स भी घटने लगता है। चुम्बकीय फ्लक्स में आये इस परिवर्तन के कारण द्वितीयक परिपथ में प्रेरित वि.वा. बल उत्पन्न होता है। धारामापी में विक्षेप प्राप्त होता है। यह विक्षेप पहले प्राप्त हुये विक्षेप के विपरीत होता है। अतः द्वितीयक कुण्डली में धारा प्रवाहित होती है। इस धारा की दिशा पहले से विपरीत होती है। अर्थात् किसी एक कुण्डली में प्रवाहित धारा के मान में परिवर्तन करने से पास रखी दूसरी कुण्डली में प्रेरित वि.वा. बल उत्पन्न होने की घटना को अन्योन्य प्रेरण की घटना कहते हैं। अन्योन्य प्रेरकत्व का SI मात्रक = हेनरी
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दो लम्बी समाक्ष परिनालिकाओं, जिनकी लम्बाई समान $l,$ फेरों की संख्या $N _1$और $N _2$ तथा त्रिज्या $r_1$ और $r_2 (\left(>r_1\right)$ हैं, के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
यदि । लम्बाई की धात्विक छड़ को एक समान चुम्बकीय क्षेत्रअ (B) के लम्बवत् रखकर इसे चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत $v$ वेग से चलाएँ तो इसके सिरों के बीच प्रेरित विद्युत वाहक बल (गतिक विद्युत वाहक बल) ज्ञात कीजिए। आवष्यक चित्र बनाइए।
एक नामांकित आरेख की सहायता से वर्णन कीजिये कि प्रत्यावर्ती धारा (ac) जनित्र कैसे कार्य करता है? किसी प्रत्यावर्ती द्वारा जनित्र की कुण्डली में N फेरे हैं। प्रत्येक का क्षेत्रफल A है। कुण्डली एकसमान कोणीय वेग $\omega$ से घूर्णन कर रही है। इस कुण्डली में उत्पन्न प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल के लिये व्यंजक व्युत्पन्न कीजिये। इस युक्ति में ऊर्जा उत्पादन का स्रोत क्या है?
विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के लेंज नियम का कथन लिखिए। पूर्व से पश्चिम दिशा में स्थित कोई 2 मी. लम्बा सीधा क्षैतिज चालक तार $0.3 \times 10^{-4}$टेसला के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के लम्बवत 5 मी/से की चाल से गिर रहा है। तार के सिरों के मध्य प्रेरित विद्युत वाहक बल के तात्क्षणिक मान की गणना कीजिए।