एक नियत लम्बाई के तार से बनाई गयी एक फेरे की कुण्डली में धारा प्रवाहित करने पर इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। यदि उसी तार से दो फेरों की कुंडली बनायी जाये तथा उतनी ही धारा प्रवाहित की जाये, तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
[2002]
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वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
$ B =\frac{\mu_0 ni }{2 r } $
प्रथम स्थिति में, $n =1, L =2 \pi r$
$ \Rightarrow r =\frac{ L }{2 \pi} $
द्वितीय स्थिति में,
$ n =2, L =2\left(2 \pi r ^{\prime}\right)$
$\Rightarrow r ^{\prime}=\frac{ L }{4 \pi}=\frac{ r }{2} $
प्रथम स्थिति में, $B =\frac{\mu_0 \times 1 \times i}{2 r }$
द्वितीय स्थिति में
$ B ^{\prime}=\frac{\mu_0 \times 2 \times i }{2 r ^{\prime}}=\frac{\mu_0 \cdot 2 i }{2\left(\frac{ r }{2}\right)}=\frac{4 \mu_0 i }{2 r }=4 B $
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एक $10 eV$ ऊर्जा का एक इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $10^{-9}$ वेबर/मी. $(1 G )$ के लम्बवत् गति करता है तथा दोनों ध राओं से symmetrical हैं। तो इसके पथ की त्रिज्या होगी
किसी प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा $1 MeV$ है। यह किसी एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में $R$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में गति कर रहा है तो, किसी $\alpha$-कण की ऊर्जा कितनी होनी चाहिये ताकि वह उसी क्षेत्र में उसी त्रिज्या के पथ में गति कर सके?
दो समांतर तार $P \& Q$ एक दूसरे के लम्बवत् समतल में $5$ मीटर की दूरी पर रखे हैं। इनमें धारा का मान क्रमश: $2.5 A$ तथा $5 A$ है जो समान दिशाओं में चलती है। उनके मध्यवर्ती बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र है
एक गेल्वेनोमीटर के कॉयल का प्रतिरोध $60 \Omega$ है और $1.0$ ऐम्पीयर धारा के लिए पूर्ण स्केल का विचलन दिया है। इसे $5.0$ ऐम्पीयर तक पढ़ने वाले ऐमीटर में बदलने के लिए:-