दो समांतर तार $P \& Q$ एक दूसरे के लम्बवत् समतल में $5$ मीटर की दूरी पर रखे हैं। इनमें धारा का मान क्रमश: $2.5 A$ तथा $5 A$ है जो समान दिशाओं में चलती है। उनके मध्यवर्ती बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र है
[2000]
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$ B _{ P }=\frac{\mu_0 I _1}{2 \pi .5 / 2}=\frac{\mu_0}{2 \pi} \quad\left( I _1=2.5 A \right)$
$B_Q=\frac{\mu_0 I_2}{2 \pi .5 / 2}=\frac{\mu_0}{\pi}$
$B = B _{ p }+ B _{ Q }$
$=-\frac{\mu_0}{2 \pi}+\frac{\mu_0}{\pi}=\frac{\mu_0}{2 \pi}$
$($ऊर्ध्वाधरतः ऊपर की ओर$)$
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एक लम्बे तार से एक, एक फेरे वाली कुण्डली तथा फिर उसी तार से 2 फेरों वाली कुण्डली बनायी जाती है। यदि दोनों में प्रवाहित धारा एक समान है तो उनके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रताओं का अनुपात होगा-
एक समान चुम्बकीय क्षेत्र इलैक्ट्रान की गति के लम्बवत् दिशा में लगाया जाता है। इसके कारण यह एक इलैक्ट्रान 2 सेमी वाले वृतीय पथ पर घूमता है। यदि इलैक्ट्रान का वेग दोगुना कर दिया जाए तो पथ की त्रिज्या होगी:
एक नियत लम्बाई के तार से बनाई गयी एक फेरे की कुण्डली में धारा प्रवाहित करने पर इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। यदि उसी तार से दो फेरों की कुंडली बनायी जाये तथा उतनी ही धारा प्रवाहित की जाये, तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
एक स्थान पर वैद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ तथा चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ एक दूसरे के लम्बवत् लगे हैं। एक इलैक्ट्रॉन इन दोनों क्षेत्रों के लम्बवत् गति करता है तो वह अविक्षेपित रहता है। इलैक्ट्रान का वेग है :
एक इलैक्ट्रान एक समान वेग $v$ से वृतीय पथ पर गति करता है। इससे केन्द्र पर एक चुम्बकीय क्षेत्र $B$ बनता है। तो वृत की त्रिज्या निम्न में से किसके समानुपाती होगी?
त्रिज्या $a$ के किसी लम्बे सीधे तार से कोई स्थायी धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार की अनुप्रस्थ काट पर धारा एकसमान रूप से वितरित है। तार के अक्ष से त्रिज्य दूरियों $\frac{ a }{2}, 2 a$ पर क्रमशः चुम्बकीय क्षेत्रों $B$ और $B ^{\prime}$ का अनुपात है।
किसी $G$ प्रतिरोध के धारामापी पर $S$ ओम प्रतिरोध का शंट लगाया गया है। मुख्य धारा का मान अपरिवर्तित रखने के लिए धारामापी के श्रेणीक्रम में लागये गये प्रतिरोध का मान होगा: