एक $10 eV$ ऊर्जा का एक इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $10^{-9}$ वेबर/मी. $(1 G )$ के लम्बवत् गति करता है तथा दोनों ध राओं से symmetrical हैं। तो इसके पथ की त्रिज्या होगी
[1996]
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$ KE =10 eV \Rightarrow \frac{1}{2} mv ^2=10 eV$
$\frac{1}{2}\left(9.1 \times 10^{-31}\right) v ^2=10 \times 1.6 \times 10^{-19}$
$\Rightarrow v ^2=\frac{2 \times 10 \times 1.6 \times 10^{-19}}{9.1 \times 10^{-31}}$
$\Rightarrow v ^2=3.52 \times 10^{12}$
$v =1.88 \times 10^6 m/s $
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किसी एमीटर में मुख्य धारा का $0.2 \%$ भाग गैल्वेनोमीटर कुंडली से गुजरता है। यदि गैल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध $G$ है, तो इस एमीटर का प्रतिरोध होगा
एक स्थान पर वैद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ तथा चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ एक दूसरे के लम्बवत् लगे हैं। एक इलैक्ट्रॉन इन दोनों क्षेत्रों के लम्बवत् गति करता है तो वह अविक्षेपित रहता है। इलैक्ट्रान का वेग है :
एक गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध $8 \Omega$ है। इसमें $2 \Omega$ का शण्ट प्रतिरोध लगाया गया। इसमें $1 A$ धारा प्रवाहित होती है तो बताओ शण्ट में कितनी धारा प्रवाहित होगी?
जब किसी कमरे में एक प्रोटॉन को विराम अवस्था से मुक्त किया जाता है तो, यह प्रारंभिक त्वरण $a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर गति करता है। यदि इसे $v _0$ वेग से उत्तर दिशा की आरे प्रेक्षित किया जाता है तो यह प्रारंभिक त्वरण $3 a _0$ से पश्चिम दिशा की ओर चलता है तो, इस कमरे में विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र हैं:
एक तार का व्यास $0.5$ मिमी है। इसमें $1 A$ धारा प्रवाहित होती है। इसके एक दूसरे तार जिसका व्यास 1 मिमी है तथा इसमें भी $1 A$ धारा प्रवाहित होती है से बदल दिया जाता है। तो तार से कुछ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता होगी-